नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 25 साल कठोर कारावास की सजा

विशेष न्यायाधीश पॉक्सो शिमला अमित मंडयाल की अदालत ने आरोपी दीपक बटालू को नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराया. कोर्ट द्वारा मामले में आईपीसी की धारा 376 एबी और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी दीपक बटालू को 25 साल की कठोर कारावास और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 2 लाख रुपए की मुआवजा देने के आदेश दिए.

साल 2021 का मामला

मामला 17 अप्रैल 2021 का है, जब 7 साल की पीड़िता घर के बाहर खेल रही थी. इस दौरान दोषी पीड़िता के पड़ोस में ही रहता था. दोषी ने पीड़िता को फोन देखने के बहाने अपने घर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म कर दिया. इसके बाद पीड़िता का खून निकलने लगा, तब उसने अपनी माता को अपने कमरे में जाकर बताया. फिर पीड़िता के पिता जो जंगल में लकड़ी लेने गए थे, जब घर पहुंचे तो पीड़िता की माता ने उसे सारी बात बताई.

मामले में 20 गवाह कोर्ट में पेश

जिस पर नाबालिग के पिता पीड़िता को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने पुलिस थाना कसुम्पटी गए और इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई. इन तथ्यों के आधार पर पुलिस स्टेशन पूर्व में आईपीसी की धारा 376 एबी और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. अभियोजन पक्ष द्वारा मामले को साबित करने के लिए मुकदमे के दौरान 20 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया. मुकदमे के समापन से पहले सभी की दलीलें सुनी गई. नाबालिग से दुष्कर्म के अपराध के लिए विशेष न्यायाधीश शिमला की अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया. अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व संगीता जस्टा उप जिला न्यायवादी ने किया.

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