वडोदरा में नाव पलटी, 12 बच्चे, 2 टीचर की मौत: 13 को बचाया; सेल्फी लेते समय बैलेंस बिगड़ा,

गुजरात के वडोदरा में पिकनिक की खुशी उस वक्त मातम में बदल गई, जब एक नौका पलटने से 14 लोगों की मौत हो गई. वडोदरा शहर के हिरणी झील में गुरुवार को नौका के पलट जाने से उसमें सवार 12 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई, जबकि 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचा लिया गया. बताया गया कि हादसे में एक प्राइवेट स्कूल के बच्चे और टीचर शामिल थे. ये सभी हिरणी झील में पिकनिक मनाने गए थे. दरअसल, छात्र पिकनिक मनाने आए थे और हरनी झील में नाव की सवारी कर रहे थे कि तभी दोपहर के बाद यह हादसा हो गया. बचाए गए एक छात्र का एसएसजी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

गुजरात के गृह राज्य मंत्री सांघवी के मुताबिक, नौका पलटने की घटना में 12 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई. कुल 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचाया गया. हमें पता चला है कि नौका पर केवल 10 छात्र ही लाइफ जैकेट पहने हुए थे जो साबित करता है कि इसमें आयोजकों की गलती थी. सांघवी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अन्य दोषियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई है.

कैसे मातम में बदली पिकनिक की खुशी
दरअसल, यह पूरा मामला एक प्राइवेट स्कूल के बच्चों और टीचरों का है. ये सभी गुरुवार को पिकनिक के लिए निकले थे. हरनी झील में बोट पर कुल 35 लोग सवार हुए, जिनमें छात्र और टीचर शामिल थे. बोट में सवार लोगों को लाइफ जैकेट नहीं पहनाई गई थी. कुछ ही छात्र थे, जिन्होंने लाइफ जैकेट पहनी थी. इतना ही नहीं, बोट यानी नौका पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे. यही वजह है कि बोट जैसे ही झील के बीच में पहुंची, बोट डगमगाने लगी और देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई. नौका में 27 लोग सवार थे, जिनमें 23 छात्र और चार शिक्षक शामिल थे.

लाइफ जैकेट के बगैर गए थे बच्चे
गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने भी कहा कि नौका में निर्धारित संख्या से अधिक लोग सवार थे. इतना ही नहीं, डिंडोर ने कहा कि मुझे यह भी पता चला है कि दुर्घटना के समय छात्रों ने लाइफ जैकेट नहीं पहन रखी थी. हम (इन गलतियों के लिए) दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि जिस नौका को पानी से निकाला गया था उसमें केवल 14 सीट थी.

गुजरात के मुख्यमंत्री ने किया मुआवजे का ऐलान
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने देर शाम घटनास्थल का दौरा किया और सांघवी के साथ जानवी अस्पताल और सरकारी एसएसजी अस्पताल का दौरा किया तथा हादसे में जीवित बचे लोगों और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. गुजरात के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की. सीएम पटेल ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय दमकल सेवा सहित अन्य एजेंसियों के कर्मियों द्वारा किए जा रहे बचाव अभियान की भी निगरानी की. वडोदरा के मुख्य दमकल अधिकारी पार्थ ब्रह्मभट्ट ने पहले कहा था कि एजेंसियों के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही स्थानीय निवासी कुछ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल चुके थे.

उच्च स्तरीय जांच के आदेश
गुजरात सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और वडोदरा जिला कलेक्टर को 10 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि कलेक्टर को उन कारणों और परिस्थितियों की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया गया है जिसकी वजह से यह त्रासदी हुई. यह भी जांच करने निर्देश दिया गया कि क्या ठेकेदार या किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही हुई थी और ऐसी घटनाओं से भविष्य में कैसे बचा जा सकता है.

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