बेमौसम बारिश से फसलों को भारी नुकसान, किसानों को मुआवजा दे सरकार: भारतीय किसान यूनियन

विनय महाजन, नूरपुर। जिला कांगड़ा के निचले क्षेत्रों में हुई बेमौसम बरसात के कारण फसलों और आम की फ़सल की हुई भारी तबाही का प्रदेश सरकार आंकलन करवाये और पीड़ित किसानों को फौरी तौर पर मुआवजा प्रदान कर उन्हें राहत प्रदान की जाए।

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेश पठानिया के नेतृत्व में यूनियन के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार को एक मांगपत्र सौंप कर मांग की है कि इस बार क्षेत्र में पकी हुई गेहूं, जौ और सरसों की फ़सल पर बारिश ने जम कर अपना कहर बरपाया है तो आम की फ़सल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र में नब्बे फीसदी आम की फ़सल बुरी तरह प्रभावित हुई है अतः निचले क्षेत्र के किसानों और बागवानों के हुए इस भारी नुकसान का आंकलन करवाकर उन्हें पंजाब की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए।

सुरेश पठानिया अनुसार किसानों के बैंकों में बने किसान क्रेडिट कार्ड से फ़सल बीमा योजना के पैसे तो काट लिए जाते हैं लेकिन बदले में फ़सल के बर्बाद होने के चलते कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है प्रदेश सरकार इस मामले में बीमा कंपनियों के विरुद्ध कड़ा संज्ञान ले यूनियन अनुसार करीब चालीस साल पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भूमिहीन लोगों को दस दस कनाल के पटे अलाट किए थे ,इस भूमि में कुछ जगह सीलिंग एक्ट की निकली हुई थी और कुछ भूमि श्यामलाट थी, वो भूमि बिक सकती है ,बदले में सरकार को उसका राजस्व मिल सकता है।

उक्त भूमि और खुदरो भूमि से किसानों को पेड़ काटने की अनुमति नहीं है !सरकार इस बारे में एक पुख्ता नीति बनाकर किसानों को पेड़ काटने की अनुमति प्रदान करें। यूनियन अनुसार प्रदेश सरकार दुधारू पशुओं के लिए जो सस्ते दामों पर फीड देती है उसे जाति आधारित न देते हुए पशुपालकों के आधार पर दी जाए ताकि सभी पशुपालकों को इस योजना का लाभ मिल सके। यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेश पठानिया ने बताया कि सम्बन्धित विभाग के मंत्री ने उनकी मांगों को गौर से सुना और इस बारे में उनकी मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखकर हल करने का आश्वासन दिया है।

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