चुनावी बॉन्ड योजना खत्म करने पर बोले पीएम मोदी- हर किसी को होगा पछतावा, देश में बढ़ेगा काला धन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चुनावी बॉन्ड योजना पर खुलकर अपनी बात रखी. न्यूज एसेंजी एएनआई को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना को खत्म करने से चुनावों में ‘काले धन’ का इस्तेमाल बढ़ेगा. उन्होंने कहा कहा कि इस योजना को खत्म करने के फैसले पर एक दिन हर किसी को पछतावा होगा. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को अंसवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी.

पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर चुनावी बॉन्ड योजना पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना का उद्देश्य चुनावों में काले धन पर अंकुश लगाना था, लेकिन विपक्ष आरोप लगाकर इसे बचना चाहता था. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद जिन 16 कंपनियों ने चंदा दिया, उनमें से केवल 37 प्रतिशत राशि भाजपा को मिली है, जबकि 63 प्रतिशत भाजपा विरोधी विपक्षी दलों को गई.

योजना में सुधार की काफी गुंजाइश…
प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव में देश को काले धन की ओर धकेल दिया गया है और हर किसी को इसका अफसोस होगा. उन्होंने कहा कि इस योजना को एक सफलता की कहानी के रूप में भी देखा जाना चाहिए क्योंकि इसने यह दिखाने की अनुमति दी है कि किसने योजना के जरिये पार्टियों को राजनीतिक योगदान दिया है. साथ ही पीएम ने यह भी कहा कि योजना में सुधार की काफी गुंजाइश है.

मेरे मन में साफ विचार था…
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में लंबे समय से इस बात की चर्चा रही है कि काले धन के जरिए चुनावों में खतरनाक खेल होता है. चुनावों में काले धन का इस्तेमाल खत्म हो, इस मुद्दे पर भी लंबे समय से चर्चा रही है. चुनाव में पैसा खर्च होता है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. भाजपा भी चुनाव में पैसा खर्च करती है, सभी पार्टियां, उम्मीदवार खर्च करते हैं और पैसा लोगों से लेना पड़ता है. मैं चाहता था कि हम कुछ प्रयास करें, हमारा चुनाव इस काले धन से कैसे मुक्त हो, क्या पारदर्शिता होगी? मेरे मन में साफ विचार था. हम एक छोटा सा रास्ता ढूंढ रहे थे, हमने कभी यह दावा नहीं किया कि यह बिल्कुल सही रास्ता है.

उन्होंने कहा कि जब चुनावी बॉन्ड योजना से संबंधित विधेयक पारित किया गया था, तब इस पर संसद में बहस हुई थी. जो लोग अब इस पर टिप्पणी कर रहे हैं, उनमें से कुछ ने इसका समर्थन किया था. उन्होंने काले धन से निपटने के प्रयासों के तहत 1000 रुपये और 2000 रुपये के नोट को बंद करने के सरकार के फैसले का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव के दौरान बड़ी मात्रा में ये नोट इस्तेमाल होते थे. हमने ये कदम इसलिए उठाया ताकि कालाधन खत्म हो. प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों को पहले 20,000 रुपये तक नकद दान की अनुमति थी, लेकिन उन्होंने इसे 2,500 रुपये कर दिया क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि यह नकद व्यवसाय जारी रहे.

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