किए जाएंगे। रोबोटिक सर्जरी के जरिये आंत, कैंसर और लिवर समेत गंभीर बीमारियों के मरीजों को इसका लाभ होगा।
इस तकनीक के जरिये चिकित्सक एक कंसोल में बैठकर सर्जिकल साधनों की मदद से पेट के कैंसर, बड़ी आंत, प्रोस्टेट और लिवर के कैंसर का ऑपरेशन आसानी से कर सकेंगे। एक सामान्य ऑपरेशन में जहां तीन घंटे से अधिक का समय लगता है, वहीं इसमें एक से डेढ़ घंटे में ऑपरेशन हो जाएगा। इसके अतिरिक्त पांच से सात डॉक्टरों और नर्सों की टीम की जगह एक चिकित्सक, एक एनेस्थीसिया चिकित्सक और एक सिस्टर ऑपरेशन का काम संभाल लेंगे।
डाॅयरेक्टर मेडिकल एजूकेशन (स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक) डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि चमियाना और टांडा मेडिकल काॅलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने की तैयारी है। इसको लेकर उपकरणों की खरीद की जानी है। इस महीने के अंत तक कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाना है। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रधान सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि इसी साल दोनों मेडिकल काॅलेजों में रोबोटिक सर्जरी शुरू की जानी है। मुख्यमंत्री सुक्खू इसको लेकर अधिकारियों से बैठक कर चुके हैं।