न्यायिक स्वतंत्रता जरूरी, प्रशासन न करे न्याय को बाधित – CJI चंद्रचूड़

मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सभी लोगों के हितों की सेवा करने के लिए कानून में मानवता का टच होना बहुत जरूरी है. कानून का हमेशा समस्याओं की जड़ों को दूर करने के लिए संवेदनशील तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए. चीफ जस्टिस गुवाहाटी हाई कोर्ट में प्लेटिनम जुबिली सेलिब्रेशन को संबोधित कर रहे थे, जब उन्होंने यह बातें कही.

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून को उन समुदायों की वास्तविकताओं को ध्यान में रखना चाहिए जहां इसे लागू किया जाना है. उन्होंने कहा कि जब कानून को सही तरीके से लागू किया जाता है तो इससे लोगों का सोशल स्ट्रक्चर में विश्वास बढ़ता है. इससे लोगों का न्याय में विश्वास बढ़ता है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में कहा कि न्यायपालिका उस विश्वास पर निर्भर करता है जो इसे कमांड करते हैं.

प्रशासन न्याय को बाधित न करे, न्यायपालिका करे सुनिश्चित

CJI ने कहा कि न्यायिस स्वतंत्रता बेहद जरूरी है. न्यायपालिका नागरिकों की पहली और अंतिम पहुंच है. ऐसे में न्यायपालिका में लोगों का विश्वास होना बहुत जरूरी है. कानून को ह्युमनिटी टच से सराबोर होना चाहिए. इसके लिए उनमें ह्युमनिटी टच होना जरूरी है जो इसे आगे बढ़ा रहे हैं, और जो कानून के हितों की सेवा करते हैं. चीफ जस्टिस ने कहा कि न्यायपालिका की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि प्रशासन न्याय को बाधित न करें, और इसे बनाए रखने का काम न्यायपालिका का है.

गुवाहाटी हाई कोर्ट कर रहा चुनौतियों का सामना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के न्यायपालिका से समाज के कमजोर वर्गों के लिए न्याय तक पहुंच बनाने वाले बयान पर चीफ जस्टिस ने कहा कि उनके बयान से कानूनी बिरादरी प्रेरित हुआ है. चीफ जस्टिस ने कहा कि गुवाहाटी हाई कोर्ट उन चुनौतियों का सामना करता है, जो इसके अधिकार क्षेत्र में हैं. मसलन कई क्षेत्र बार-बार आने वाली बाढ़ से जूझ रहे हैं. बाढ़ से यहां हर साल हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ता है. कई अन्य तो संपत्तियों के साथ डॉक्यूमेंट्स भी खो देते हैं.

Spread the News

ख़बरें जरा हटके